सीता राम गुप्ता का कहना है कि यदि हम सबका प्रयास को अपना लें तो हमें तेजी से लक्ष्य तक पहुँचने में मदद मिलेगी।
सीता राम गुप्ता प्रसिद्ध समावेशी विकास विशेषज्ञ हैं। मूलतः इलेक्ट्रिकल इंजीनियर सीता राम ने प्रतिष्ठित दवा निर्माता कंपनी लुपिन के संस्थापक डा. देशबंधु गुप्ता के कहने और उनके विचारों से प्रभावित होकर लुपिन से जुड़ गए और लुपिन फाउंडेशन की स्थापना काल से ही कार्य करने लगे। वे सरकारी सेवा को छोड़कर सामाजिक सेवा क्षेत्र में आए। 72 वर्षीय सीता राम कुछ ही महीनों पहले लुपिन फाउंडेशन से सेवा मुक्त हुए हैं। लुपिन के कारपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व के कार्यक्रमों में अत्यंत प्रभावकारी, जनोन्मुखी और उपयोगी बनाने में उन्होंने अतुलनीय योगदान दिया है।
जहाँ आमतौर पर लोग सुदीर्घ सेवा के बाद आनंद पूर्वक जीवन जीना पसंद करते हैं, इसके विपरीत सीता राम ने अपने शेष जीवन को सेवा और विकास गतिविधियों में समर्पित करने का ध्येय स्वीकार किया है। वे जल्द ही समृद्ध भारत अभियान प्रारंभ करने जा रहे हैं। उन्होंने बातचीत के दौरान बताया कि यह एक राष्ट्रव्यापी विकास कार्य होगा, जिसके अंतर्गत नीति आयोग द्वारा चिन्हित अति पिछड़े जिलों में उत्थान एवं विकास के कार्यक्रम संचालित किए जाएँगे।
इकानामी इंडिया के संपादक रुसेन कुमार ने उनसे बातचीत की है। साक्षात्कार के संपादित अंश प्रस्तुत हैः
प्रश्नः लुपिन फाउंडेशन को आपने नीति आयोग तक पहुंचाया। 25 गांव से शुरू करके उसे 9 राज्यों तक विस्तार किया। अब आपकी आगे की क्या कार्य योजना है। आपकी उम्र भी अधिक है। कैसे संतुलन बिठाएँगे?
उत्तरः इस मूल्यवान प्रश्न के लिए आपका धन्यवाद। मेरी उम्र 72 वर्ष है और स्वस्थ्य हूँ। कारोना के संकटकाल को सफलतापूर्वक पार कर लिया है, यह मेरे लिए महान उपलब्धि है। जहाँ भी, जितना भी सेवा हो सकती थी, अपनी क्षमता अनुसार किया। अब स्वयं को नए मिशन में झोक देना चाहता हूँ, ताकि शेष जीवन को उद्देश्य पूर्ण जी सकूँ। मैं कुछ बातें आपसे साझा करना चाहता हूँ। हमारे देश में 748 जिले हैं। इनमें से 203 जिले अति पिछड़े और गरीब माने गए हैं। इनमें से 112 जिलों में सरकार की महत्वाकांक्षी जिला मिशन के अंतर्गत अच्छे कार्य किए जा रहे हैं। मेरा चिंतन शेष अति गरीब 91 जिलों को लेकर है, जहाँ पर किसी भी कम कारणों से तुलनात्मक रूप से कम ध्यान दिया गया है। मेरी योजना इन्हीं जिलों में चरणबद्ध तरीकों से सामाजिक-आर्थिक एवं मानवीय विकास के लिए कार्य करने की है। यहाँ बड़े एनजीओ, कारपोरेट फाउंडेशन, सीएसआर, पीएसयू के साथ मिलकरके पूर्ण सशक्तिकरण के लिए काम किया जाएगा। ये कार्य समृद्ध भारत अभियान के अंतर्गत किए जाएँगे। हम समावेशी विकास के क्षेत्र में थिंक टैंक संस्था होंगे।
प्रश्नः जैसा कि आपने कहा आप 91 जिलों में काम करना चाहते हैं, वहाँ आपके कार्यों की क्या प्राथमिकताएँ होंगी?
उत्तरः प्राथमिकताओं को क्रमशः बताना चाहूँगा। हमारी सर्व प्रथम प्राथमिकता का क्षेत्र होगा स्वास्थ्य और पोषण। बच्चों और माताओं की अकाल मृत्यु एवं कुपोषण हमारे देश की बड़ी समस्या है। शिक्षा, कृषि एवं जल संवर्धन, स्कील डेव्लमेंट, वित्तीय समावेश, अधोसंरचना विकास आदि कार्य क्रमशः प्राथमिकता वाले कार्य हैं।
प्रश्नः समृद्ध भारत अभियान का मुख्यालय कहाँ पर स्थित होगा?
उत्तरः समृद्ध भारत अभियान का मुख्यालय देश की राजधानी नई दिल्ली होगी। इसका कार्यालय कमलादेवी भवन, पं. दीनदयाल उपाध्याय मार्ग, नई दिल्ली होगा।
प्रश्नः यह संस्था किस तरह से कार्य करेगी?
उत्तरः हम इस संस्था में साझेदारी को महत्वपूर्ण तत्व स्वीकार करेंगे। विशेषज्ञ समान विचारधारा और समान दिशा में कार्य करने वाली संस्थाओं का नेटवर्क हमने तैयार किया है। हमने आल इंडिया रुरल वालेंटरी आर्गनाइजेशन के साथ साझेदारी कर लिया है। कानफेडरेशन आफ इंडियन एनजीओ के साथ मिलकर काम करेंगे।
प्रश्नः और किन संस्थाओं के साथ विशिष्ट करने की योजना है?
उत्तरः सीएसआर क्षेत्र की जानीमानी संस्था इंडिया सीएसआर के साथ मिलकर सीएसआर के क्षेत्र में नई संभावनाओं को तलाशेंगे और मिलकर काम करेंगे।
एसोशिएशन आफ इमर्जिंग इंटरप्रेन्योर (एईई) के साथ मिलकर गांवों में सुक्ष्म तथा अति सुक्ष्म उद्यमी तैयार करेंगे, ताकि प्रत्येक घर में एक उद्यमी अवश्य हो जिससे कि वे आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बना जा सके। लोगों को उद्यमी बनाकर अर्थव्यवस्था में हिस्सादार बनाएंगे।
प्रश्नः समृद्ध भारत अभियान की यूएसपी क्या होगी?
उत्तरः हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने विकास के लिए सरल एवं सशक्त सूत्र दिया है – सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास। मेरा मानना है कि हमें इसमें एक और शब्द जोड़ना चाहिए – सबका प्रयास। मुझे लगता है कि यदि सबका प्रयास को अपना लें तो हमें लक्ष्य तक पहुँचने में मदद मिलेगी। इसी भावना को केंद्र में रखकर हमारे कार्य आगे बढ़ेंगे।
प्रश्नः समृद्ध भारत अभियान के मूल उद्देश्य और लक्ष्य के बारे में कुछ बताइए।
उत्तरः हमारे कुछ महत्वपूर्ण कार्य होंगे। पहला तो यह कि जो भी विकास हो वह समवाशी और समरसतापूर्ण हो। जहाँ तक लक्ष्यों का प्रश्न है हमारे देश का लक्ष्य है 5 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था बनना। इस महति आकांक्षा में हम अति पिछड़े जिलों की किस तरह भूमिका सुनिश्चित कर सकते हैं इसके लिए हम नीति आयोग और अग्रणी विद्वानों के साथ मिलकर कार्य योजना तैयार करेंगे। पिछले कुछ वर्षों में देश में बहुत कुछ बदला है अतः हमें अब किसानों की आय को तीगुनी करने की योजना पर कार्य करना है। हमें कृषि उत्पादों का वैल्यू एडिशन करके बाजार तैयार करना है।
प्रश्नः समृद्ध भारत अभियान के अंतर्गत आत्म निर्भर भारत का उद्देश्य कैसे पूरा होगा।
उत्तरः हमारी सर्वप्रथम प्राथमिकता यह होगी कि हम समृद्ध गांव और समृद्ध ग्राम पंचायत की भावना को दृढ़ करें। इसके माध्यम से ही समृद्ध जिला का स्वरूप तैयार होगा। आत्मनिर्भर जिलों के द्वारा ही आत्म निर्भर और समृद्ध भारत बनेगा। यह कैसे होगा और इसकी कार्य योजना क्या हो, इसका हमने रोडमैप आदि काफी हद तक तैयार कर लिया है। इसमें परिमार्जन का काम चल रहा है।
5 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था में साझेदारी आवश्यक है। हमारा चौथा महत्वपूर्ण मिशन है प्रतिव्यक्ति आय किस तरह बढ़े, इसके लिए कार्य करना तथा सरकारों और संस्थाओं के लिए रोडमैप तैयार करना। हमें हमारे मजदूर वर्ग की कार्य क्षमता बढ़ानी होगी और उसमें आत्मसम्मान की भावना विकसित करनी होगी। हमारे गांव के लोग रोजगार पाने की अपेक्षा से आगे बढ़कर रोजगार के नए अवसर पैदा करने वाले बनेंगे। यही हमारी मूल भावना है।
सीता राम गुप्ता आपने राष्ट्र के विकास के लिए हमसे आपने मूल्यवान विचार साझा किए, इसके लिए हम आपका धन्यवाद करते हैं।
(स्त्रोतः इंडिया सीएसआर)